3 बेस्ट मोटिवेशनल कहानीं इन हिंदी | प्रेरक कहानी इन हिंदी

3 मोटिवेशनल कहानीं इन हिंदी: ये तीन कहानियां आपके जीवन को बदल सकती हैं

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 मोटिवेशनल कहानीं इन हिंदी: यदि आप सोचते हैं कि Motivational Story हमारे जीवन मे क्या बदलाव लाती हैं। तो आपको बताना चाहता हूं कि हमारे सभी के आसपास एक नाकारात्मक आवरण होता है जिससे हम घिरे रहते है। ये आवरण किसी भी रूप मे हो सकता है आपके डर के रूप मे, आलोचनाओं के रूप मे, समस्याओं के रूप मे, और भी अनेकों रूप हैं यह आवरण ही आपको आगे बढने से रोकता है। प्रेरक कहानी आपको इस आवरण से निकलने मे मदद करती है। नकारात्मकता से निकलने के बाद आपको सफल होने से कोई नही रोक सकता। प्रेरक कहानी आपके जीवन मे साकारात्मकता लाने का कार्य करती है। आजकल facebook, youtube पर बहुत सी Motivational Story (प्रेरणादायक कहानियां) सुनने को मिलती हैं लेकिन आपको पता होना चाहिए कि यदि आप कुछ सुनते हैं तो आप उसे कुछ ही समय के लिए याद रख सकते है। और कुछ समय के बाद आप सबकुछ भूल जाते हैं और यदि आप कुछ पढ़ते हैं तो उसे आप कभी नही भूलते। इस लिए प्रेरणादायक कहानी को सुनने से इतना फायदा नही होता जितना कि आप पढ़ने से प्रभावित होते हैं। जिन्हें आप अपने जीवन मे ऊतार सकते हैं। फिर आपको सफलता की सीढी पर चढने से कोई नही रोक सकता।




समस्याएं जीवन का ही हिस्सा है जो हर किसी के जीवन मे आती ही है। इस Motivational story मे आप समझेंगे कि कैसे आप दूसरों से मदद लेकर कुछ समय के लिए तो अपने आपको मजबूत समझते हैं लेकिन बाद मे आप कैसे कमजोर हो जाते हैं। यह Motivational story आपको जीवन मे आ रही समस्याओं का महत्व भी सिखा देगी इसलिए इस Motivational story को ध्यान से पढ़ें और पूरा भी पढ़े क्या पता आपको इसकी ही जरूरत हो। motivational story जो आपकी जिन्दगी मे सकारात्मकता लेकर आयेगी।


1. प्रेरक कहानी: जाने मदद आपको मजबूत बनाती है या कमजोर


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ये मोटिवेशनल कहानीं आपको मदद लेने के आपके नुकसान या फायदे को समझा सकती हैं। इस पढ़ने के बाद आप जरूर प्रेरित होगें।

एक बार एक संत अपने दो शिष्यों के साथ जंगल से गुजर रहे थे। रास्ते मे संत ने अपने शिष्यों से ठहरकर आराम करने के लिए कहा। शिष्यों ने अपने गुरूजी के आराम के लिए एक पेड़ के नीचे रूकने का निर्णय लिया। दोपहर का समय था इसलिए गुरुजी को नींद आ गयी। जिस पेड के नीचे गुरूजी और शिष्य आराम कर रहे थे। उसी पेड पर एक चिडिया का घोसला था। घोसलें मे दो अंडे थे। जिनमें से चूजे निकलने का प्रयास करने के कारण कुछ हलचल सी हो रही थी। शिष्यों की नजर उन अंडों पर पडी जिनमें से कुछ ही देर मे बच्चे निकलने वाले थे। दोनों शिष्यों में अंडो को देखने की उत्सुकता जाग उठी। और दोनो बडे ध्यान से सबकुछ देखने लगे। कुछ देर मे एक अंडे से चिडिया का चूजां निकल चुका था। और दूसरे मे से भी चूजा निकलने के लिए काफी प्रयास कर रहा था। कुछ देर मे दूसरे अंडे मे भी एक छोटा सा छेद हो गया जिसमे से चूजा अपनी चोंच निकालकर बाहर आने का प्रयास कर रहा था। चूजा थोडी देर मे और थोडा सा बाहर आ गया अब चूजे का एक पंख तो बाहर था लेकिन एक पंख अभी भी अंडे मे ही फंसा हुआ था। शिष्य यह देखकर बहुत परेशान होने लगे कि इस चूजे को कितनी तकलीफ हो रही हैं बाहर आने मे। वे दोनों उसकी मदद करना चाहते थे। कुछ देर और देखने के बाद एक शिष्य से रहा नही गया और उसने अंडा तोडकर चूजे को आजाद कर दिया। दोनो बहुत खुश हुए लेकिन कुछ ही देर मे चूजा मर गया। ये देखकर दोनो शिष्य बडे दुखी हुए। उन्हें कुछ समझ नही आ रहा था क्या हो गया जो चूजा मर गया। कुछ देर बाद गुरूजी की आंख खुली तो देखा कि दोनों शिष्य परेशान हैं।


गुरूजी ने शिष्यों से परेशानी का कारण पूछा तो शिष्यों ने सबकुछ बताया कि इस घोसलें मे दो अंडे थे जिनमे से एक अंडे से तो अपने आप ही बच्चा बाहर आ गया और वो बिल्कुल स्वस्थ भी है। लेकिन दूसरे अंडे से बच्चे को निकलने मे परेशानी हो रही थीं जिसे देखकर हमनें अंडे को तोडकर बच्चे को आजाद कर दिया लेकिन फिर भी कुछ देर मे वह चूजा मर गया अब समझ नही आ रहा कि मदद करने के बाद भी वह जिन्दा नही बच सका। इतना सुनकर गुरूजी ने उन्हें समझाया कि तुमने उस चूजे की मदद नही की बल्कि तुम्हारी मदद के कारण ही उसकी जान गई हैं अगर तुम उसे बाहर नही निकालते तो उसे ही अपने आप महनत करनी पडती। महनत के कारण ही उसके शरीर मजबूत होता। चूजे का शरीर इतना मजबूत हो जाता कि वह आने वाली सारी बाधाओं का सामना करने मे समर्थ हो पाता लेकिन तुमनें उसे मजबूत होने का मौका ही नही दिया जिससे वह कुछ ही देर मे मर गया।



मोटिवेशनल कहानीं से सीख

इस कहानीं से हमें यह सीख मिलती हैं कि हमारे जीवन मे जो परेशानियां आती हैं वे हमे अपने भविष्य मे आने वाली समस्याओं का सामना करना सीखाती हैं। समस्याएं तकलीफ जरूर देती हैं लेकिन ये हमें भविष्य मे आने वाली रूकावटों का सामना करने का भी साहस देती हैं। ये समस्याएं हमारे अन्दर छूपे साहस और सामर्थ्य को बाहर आने का मौका देती हैंअगर परेशानी के समय आप कुछ नही करते और दूसरों से ही मदद लेते रहोगे तो आप एक दिन ऐसे हो जाओगे कि अकेले कुछ कर ही नही पाओगे। इसलिए परेशानियों से अकेले ही लडना सीखों और परेशानियों से डरना नही चाहिए बल्कि इनका मजबूती से सामना करना चाहिए।

2. मोटिवेशनल कहानीं: जीवन की समस्याएं

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गुरूजी एक गांव मे गये जहां जाकर जो देखा  उससे बडे अचंभित हुए कि गांव मे सभी लोग परेशान हैं एक दूसरे को अपनी असफतला का कारण बता रहे थे। और सभी अपनी अपनी समस्याओं को गिनवा रहे थे। लेकिन उसी गांव मे एक साधारण किसान भी रहता हैं। जिसका नाम दिलीराम था। जो बहुत महनती था वह हमेशा अपने खेतों मे महनत करता रहता था। और वह बडा खुश रहता था। कभी भी किसी को कोई दोष नही देता था। अगर कोई परेशानी भी होती तो उसे बडे ही आसानी से खत्म कर लेता था। यह सब देखकर बाकी गाव वाले भी उसकी तरह बनना चाहते थे लेकिन कोई उसकी तरह महनत करने मे साहस नही दिखा पाते थे। और फिर एक दूसरे पर दोष देने लग जाते थे। सभी गाव वाले कहते थे कि दिलीराम की किस्मत ही अच्छी है ये जो भी काम करता है उसमे ही सफल हो जाता है। और अपनी अपनी किस्मत का रोना रोते रहते। गुरूजी ने यह सब देखकर उस किसान को परखना चाहा कि वास्तव मे इसमे कुछ खास है जो ये बाकी गाव वालो से अलग है। और साथ ही बाकी गाव वालो को भी ये जानने का मौका भी देना चाहा कि ये किसान क्यू सबसे आगे हैं जिससे ये एक अच्छी जिन्दगी जी रहा है। गुरूजी एक तिजोरी लेकर आये जीसमे बहुत सारे हीरे जवाहरत भरे हुए थे। लेकिन गुरूजी ने सभी को बताया कि इसे वही इंसान खोल सकता है जिसे अपना  पिछला जन्म याद हो। अपने पिछले जन्म के बारे मे जैसे ही आप सही बताएंगे तो आप इसके दरवाजे को खीचकर इसे खोल सकते हैं। और आप मालामाल हो जाओगे। अब सब मालामाल तो होना चाहते थे लेकिन सभी की एक ही समस्या थी कि अपने पिछले जन्म के बारे मे कैसे पता करें जिसे बताकर तिजोरी को खोल सके। ये बात पूरे गांव मे फैल चुकी थी। और सब अपने पिछले जन्म के बारे मे जानने के लिए कभी किसी के पास तो कभी किसी के पास जाने लगे। कोई अपने रिस्तेदारों के पास गये तो कोई किसी चमत्कारी बाबा के पास लेकिन किसी को भी अपने पिछले जन्म के बारे मे कुछ पता नही चला। और सभी कहने लगे कि ये तिजोरी किस काम की हैं जो इसे कोई खोल ही नही सकता अब भला किसे अपने पिछले जन्म के बारे मे पता हैं जो इसे बताये और ये खुल जाये। ये तिजोरी हमारे किसी काम की नही हैं। और गुरूजी से कहने लगे की इसे आप वापस ले जाये।

इसे कोई नही खोल सकता। इतने मे दिलीराम नाम का किसान वहां आया उसे भी उस तिजोरी के बारे मे पता था कि  इसके सामने पहले अपने पिछले जन्म के बारे मे बताना है। तभी इसे खोला जा सकता हैं। दिलीराम तिजोरी के पास आया और तिजोरी का दरवाजा पकडकर ऊपर उठाया तो तिजोरी खुल गयी और उसमे भरे सारे हीरे जवाहरत दिलीराम को मिल गये। जिससे वह बहुत मालामाल हो गया। ये देखकर सभी गांव वाले गुरुजी से कहने लगे कि हम पहले ही कहते थे कि दिलीराम की किस्मत बहुत अच्छी हैं और आज आपने भी देख लिया। हमारी तो ऊपर वाले ने किस्मत ही खराब बनाई हैं। हमारा तो जीना ही बेकार है। इतना सुनकर गुरूजी ने सबको चुप होने को कहा और दिलीराम को अपने पास बुलाया और पूछा कि दिलीराम क्या तुम अपने पिछले जन्म के बारे मे जानते हो जो तुमने इस तिजोरी को खोल दिया। दिलीराम ने कहा गुरूजी मुझे अपने पिछले जन्म के बारे मे कुछ नहीं पता। मै इन सबको देख रहा था कि सब अपने पिछले जन्म के बारे मे जानने के लिए परेशान हैं लेकिन तिजोरी का दरवाजा किसी ने खोल कर नही देखा मैंने सोचा कि क्यू ना एक बार तिजोरी के दरवाजे को पकडकर खोला जाये। मैंने तो बस ऐसा ही किया जिससे तिजोरी खुल गयी।


अब गुरूजी ने गांव वालों को समझाया कि देखा आपने, दिलीराम किस वजह से तुम सबसे आगे हैं। तुम सब के लिए तिजोरी को खोलने का पूरा मौका था लेकिन तुमने तिजोरी को छोड अपने लिए एक नई समस्या बना ली कि कैसे अपने पिछले जन्म के बारे मे जान सके। अगर तुम सिर्फ तिजोरी को खोलने पर ही ध्यान देते तो कोई भी इस तिजोरी को खोल सकता था। लेकिन तुम सब अपने पिछले जन्म के बारे मे सोचते रहे। और अब अपनी किस्मत का रोना रो रहे है। अगर किसी ने एक बार भी तिजोरी खोलने का प्रयास किया होता तो तिजोरी आराम से खुल जाती। मगर आप सब इधर ऊधर उलझे रहे और अंत मे हार मान ली।


प्रेरणादायक कहानीं से सीख
यही होता है हम सबके साथ असल जिन्दगी मे Motivational story कहानीं मे जो तिजोरी का दरवाजा हैं वही जीवन की समस्याएं हैं जो देखने मे तो कठिन लगती हैं लेकिन जब प्रयास किया जाये तो बहुत सरल हो जाती हैं। हमें बस पहला प्रयास करने की जरुरत होती हैं न कि अपनी समस्याओं के बारे मे सोचकर दूसरी समस्याओं को बुलावा देना। किस्मत भी उनका ही साथ देती है जो प्रयास करते हैं। आपको बस तिजोरी के दरवाजे की ही तरह जो अपने अंदर प्रतिभा हैं उसे निकालना हैं बस इतना आपने कर लिया तो आप सबकुछ जीत सकते हैं। कभी किसी पर अपनी असफलताओं का दोष मत लगाओ क्योंकि सभी के पास बराबर मौके होते है अपनी जिन्दगी को सफल बनाने के। बस फर्फ इतना है कि कोई तिजोरी को खोलने के लिए अपना पिछले जन्म के बारे मे जानने के लिए अपना समय बर्बाद कर देता हैं और कोई सिर्फ सीधे तिजोरी के दरवाजे को खोलता है या कहे तो सीधे अपने लक्ष्य की और आगे बढ़ता है। और सफल हो जाता है।

3. प्रेरणादायक कहानी: जिन्दगी जीने के हमेशा दो रास्ते होते हैं 

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इस Motivational story  मे आप जानेंगे कि कैसे हमेशा आपके सामने अपने जीवन को बदलने के दो रास्ते आते हैं। और आप अपना भविष्य यही तय कर देते हैं कि आपका भविष्य कैसा होने वाला है।


गुरूजी और शिष्य अब अपने गणतव्य पहुंचे वाले ही थे गुरूजी और शिष्य ने एक टापू पर कुछ दिन बिताने की योजना बनाई। शिष्यों ने रहने सहने का इंतजाम कर दिया और वही रहने लगे। शिष्यों ने देखा कि इसी टापू पर एक  खरगोश का झुंड भी अपने भोजन की तलाश मे आया है। इस टापू पर खरगोश के लिए बहुत कुछ खाने के लिए मौजूद हैं। यहां उन्हें शिकार करने वाला कोई जगली जानवर भी नही था इसलिए खरगोश के झुंड ने फैसला किया कि अब वे वहीं अपना आसियाना बनाएगें। और बाकी का जीवन इसी टापू पर गुजारेंगे। खरगोश बडे मजे से उस टापू पर रहन सहन कर रहे थे उन्हें अब किसी का कोई डर नही था। लेकिन कुछ दिनो के बाद झुंड के मुखिया ने बाकी साथियों से वहा से चलने के लिए कहा। अब मुखिया को डर सताने लगा था कि इस मौज भरी जिन्दगी से कही हम सभी खरगोश इतने आलसी ना हो जाये कि भविष्य मे हम किसी परेशानी का सामना ही न कर पाये। इसलिए मुखिया ने झुंड से चलने को कहा लेकिन बाकी खरगोश इस मौज भरी जिन्दगी को छोडना ही नही चाहते थे। उन्होंने मुखिया से कहा कि आप क्या ये चाहते है कि हम फिर से उसी नरक मे चले जाये जहां ना तो कुछ अच्छा खाने के लिए है। और वहां जगली जानवरो से अपनी जान बचा पाना भी कितना मुश्किल है।


अब हम वहां सपने मे भी नही जाना चाहते। अगर आपको जाना है तो अकेले जाओ वही मगर हम वहां कभी नही जाने वाले। मुखिया को बहुत बुरा लगा अब करता भी क्या अकेला टापू से वापिस अपने मुख्य स्थान पर आ गया जहां वे सालो से रहते आये थे। मुखिया पहले की तरह ही रहन सहन करने लगा। अपने भोजन की तलाश मे अपने घर से दूर भी चला जाता और जंगली जानवरो से चौकन्ना रहकर वापिस सुरक्षित अपने घर मे भी आ जाता। और बाकी झुंड के खरगोश टापू पर बडी ही आनंदमयी जिन्दगी जी रहे थे। अब उन्हें कोई परवाह नहीं थी ना तो अपने भोजन की और ना की जंगली जानवर की। सारे खरगोश एकदम मोटे हो चुके थे। अब उनका शरीर इतना भारी हो चुका था कि वह ठीक से चल भी नही पा रहे थे। और दौडना तो मानो भूल ही चुके थे। लेकिन वे अपने आपको बडे भाग्यशाली समझ रहे थे कि उन्हें ऐसा टापू रहने को मिल गया जहां सिर्फ आनंद ही आनंद हैं। कुछ दिनों तक ऐसा ही चलता रहा। लेकिन कुछ दिनों बाद वहां रह रहे कुत्तों का मन अब खरगोशो की तंदरुस्ती देकर ललचाने लगा। वही कुत्ते पहले खरगोश को अपना शिकार नही मानते थे। क्योंकि खरगोश को पकडना कुत्तों के लिए बहुत मुश्किल था। लेकिन अब तो हर रोज एक खरगोश को पकडते और दावत बनाकर खा जाते। अब खरगोश इतने आलसी हो चुके थे कि वे बडे जंगली जानवरों से तो दूर अब वे अपनी रक्षा कुत्तों से भी नही कर पा रहे थे। जबकि पहले वे कुत्तों से कई गुना तेज भागते थे कोई मतलब ही नही था कि कुत्ते उनका शिकार कर सके। मगर अब कुत्तों के शिकार के कारण दिन प्रतिदिन खरगोश की संख्या कम होती जा रही थी। अब खरगोश के झुंड को अपने मुखिया की बात समझ आ रही थी जो पहले ही उन्हें वहां से चलने के लिए कह रहे थे। लेकिन अब खरगोश चाह कर भी अपने पहले वाले स्थान पर नही जा सकते क्योंकि अब वे वहां जाऐंगे तो ना भाग सकने की वजह से रास्ते मे ही मारे जाएंगे। खरगोश को अब बहुत पछतावा हो रहा था। क्योंकि पछतावा करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नही बचा।

इस motivational story की घटना को देखकर शिष्य अपने गुरूजी को बताने लगे कि ऐसा क्या हुआ जो इतना अच्छा भोजन, और सुरक्षित रहने के बावजूद भी खरगोश ऐसे हो गये कि वे अपनी रक्षा भी नही कर सके। तो गुरूजी ने अपने शिष्यों को समझया कि खरगोश एक ऐसा जानवर हैं जो हमेशा ही भागदौड़ करता रहता है। लेकिन यहां आने के बाद उन्हें भागदौड करने की जरूरत ही नही पडी जिससे वे अपनी सामान्य जीवन को बिल्कुल भूल चुके थे वे भूल चुके थे कि हमे शिकारी जानवरों से भी बचना है। इसलिए वे इतने कमजोर हो गये कि अब वे कुछ नही कर सकते।


Motivational story से सीख

जैसा कि इस प्रेरणादायक कहानीं का शीर्षक भी है कि हमारी जिन्दगी मे हमेशा दो रास्ते आते हैं। चाहे वे कुछ नया करने के समय हो या अपनी पढ़ाई के विषय चुनने मे, या अपना करियर बनाने के समय हो। हमेशा हमे दो रास्ते नजर आते हैं। जिनमें एक रास्ता आसान होता हैं और दूसरा कठिन होता हैं। हम मे से ज्यादातर लोग आसान रास्ते को चुनते हैं। क्योंकि हमे आसान रास्ता ही अच्छा लगता है। लेकिन यह आसान रास्ता खरगोश के चुने गये रास्ते की तरह कुछ दिनों तक तो अच्छा लगता है लेकिन कुछ दिनो के बाद एहसास हो जाता हैं कि हमने जो रास्ता चुना है ये रास्ता हमारे लिए खतरनाक हैं। लेकिन जब तक बहुत देर हो जाती है और फिर पछतावा ही बचता हैं। और कठिन रास्ता शुरू मे जरूर मुश्किल लगता हैं लेकिन भविष्य मे यही रास्ता आपको आपकी मंजिल तक पहुचाता हैं। इसलिए मुश्किल रास्ते पर जाने से घबराना नही चाहिए।


दोस्तों कैसी लगी आपको ये तीन प्रेरणादायक कहानियां। अगर Motivational story आपकी अच्छी लगी हो तो शेयर जरूर करें। यदि इन प्रेरणादायक कहानियों ने आपके दिल को छूआं हो तो हमें कमेंट करके बताये।
धन्यवाद!!

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