सेठ और ठग की रोचक प्रेरक कहानी

सेठ और ठग की रोचक कहानीं

सेठ और ठग की रोचक प्रेरक कहानीं


जो चीजें आप दूसरों मे ढूंढते है वो आपके पास ही है

एक अमीर आदमी जिसका हीरो का व्यापार था। वह व्यापार के लिए एक देश से दूसरे देश मे जाता रहता था। एक बार उसे विदेश जाना था। फ्लाइट से रास्ता तीन दिनो का था। वह एयरपोर्ट पहुचा फ्लाइट का समय हुआ हवाई जहाज में बेठ गया। लेकिन इस हवाई जहाज में एक ठग भी मोजूद था। जिसको पता था कि सेठ के पास हीरे है जिसे वह रात के समय मे आसानी से चोरी कर सकता है।

उसने रात होने का इंतजार किया रात होते ही सेठ ने खाना खाया और सोने लगा लेकिन उसे अपने हीरो की याद आई। उसने सोचा कि अगर कहीं वह सो गया तो उसके हीरे चोरी हो सकते हैं। तो क्यों ना आज जाग ही लिया जाए तो सेठ जाग रहा था। इतने में चोर को नींद आ गई। अब सेठ को नींद आने लगी।  सेट ने सोचा कि सोने से पहले हीरो को कही छुपा देता हूँ। सेठ के दिमाग मे एक उपाय सुझा कि क्यों ना हीरो को इस आदमी की जेब में रख दिया जाए जो बगल वाली सीठ पर सो रहा है।

सेठ ने हीरो को उसी आदमी की जेब मे रख दिया जो बहुत बडा ठग था। लेकिन सेठ इस बात से बेखबर था कि वह आदमी ठग है। और सेठ सो गया। कुछ देर बाद ठग की आँखे खुली तो देखा कि सेठ तो सो गया हैं अब इसके हीरे चोरी कर लिऐ जाये। ठग ने हीरे ढूंढने शुरू कर दिये। सारी रात हीरे ढूंढने के बाद हीरे नही मिले। सुबह हो गयी। सारी रात जागने के कारण ठग को सुबह नींद आ गयी। सेठ की आखें खुली तो देखा की वह आदमी जिसकी जेब मे हीरे रखे थे वो अभी भी सो रहा है। तो सेठ ने उसे परेशान किये बिना ही अपने हीरे उसकीं जेब से निकाले और अपने पास रख लिये।

कुछ देर बाद ठग भी उठ गया ठग ने सोचा रात तो हीरे हाथ नहीं लगे लेकिन आज रात को जरुर हीरे मुझे मिल जायेंगे। पूरा दिन गुजर गया शाम हुई सेठ खाना खाकर कुछ देर के लिऐ अपने लेपटॉप निकाल कर सोशल मिडिया पर  किसी से गुफतगु की। अब रात हो चुकी थी। सेठ ने अपने हीरो के लिए जागने की खुब कोशिश की लेकिन उसे नींद आने लगी। उस ठग ने भी खाना खाया अब उसे भी नीद आने लगी थी। कुछ देर बाद ठग सो गया। अब सेठ ने फिर वही तरीका अपनाया और  हीरे उसी आदमी के जेब मे रख दिये जिसकी जेब मे पहली रात को रखे थे।‌‌ ‌और सो गया।

कुछ देर बाद ठग की नींद खुली और  देखा कि सेठ तो सोया हुआ है अब इसके हीरे चोरी कर लेता हूँ। ठग ने आज फिर से हीरो की खोज शुरु कर दी लेकिन ठग हीरे ढूंढते ढूंढते परेशान हो गया पर हीरे नही मिले। हार कर ठग भी सो गया। सेठ सुबह जल्दी उठा और अपने हीरे ठग की जेब मे से निकाल लिऐ। इतने मे वो जगह भी आ गयी जहाँ उसे जाना था।

हवाई जहाज लैन्ड हुआ सभी यात्री उतरकर चल दिये। लेकिन ठग के मन मे यह विचार आ रहा था कि आखिर सेठ ने हीरे कहाँ छुपाये थे जो मुझ जैैसे ठग को भी नही  मिले। कुछ देर बाद उसे सेठ भी मिला तो उसने सेठ से पूछ ही लिया कि सेठ जी मेँ एक बहुत बडा ठग हूँ जिसने अच्छो अच्छो को नही बकसा, लेकिन इन दो रातो मे मैने आपके हीरे सभी जगह खोजे। लेकिन हीरे नही मिले। आपने हीरे कहाँ छुपाये हुये थे। अगर आप आज मुझे ये राज बताऐंगे तो कसम से मैं आज से ही ठगी छोड दूगाँ। सेठ को मालूम हूआ कि जिसकी जेब मे मैने अपने हीरे रखे थे वो एक बहुत बडा ठग है।

सेठ ने ठग को कहा कि मुर्ख आदमी जिन हीरो को तूने सभी जगह ढूढे वो हीरे तो मैने तेरी जेब मे ही रखे थे। तू उन्हे अपने आप को छोड़कर सभी जगह ढूंढता रहा। अगर तू इन्हें अपने पास भी ढूंढता तो तुझे ये बडी आसानी से मिल जाते और तू मालामाल हो जाता।

जिस तरह ठग हीरो को अपने आप के पास न ढूंढकर सभी जगह ढूंढता रहा लेकिन हीरे नही मिले। उसी तरह हम सोचते हे कि हमे तो कोई और बताए कि हमे क्या करना चाहिए। लेकिन हम अपने अन्दर नही देखते हैं कि हम क्या कर सकते है, हम मे क्या काबिलियत है , हम किस कार्य के लिए बने हैं। इसलिये हम बस दूसरों का इन्तजार ही करते रह जाते समय बीतता जाता है और हम जैसे थे वेसे ही रह जाते है।

दोस्तों अपने अन्दर देखो की हम क्या कर सकते है और उसे ही लक्ष्य  बनाईये आगे बढते चलो आपको कामयाबी जरूरी हासिल  होगी।
दोस्तों कैसी लगी ये कहानी आपको हमे कमेंट करके जरुर बताये। मिलते हैं ऐसी ही ऊर्जा से भरी हुई एक और कहानी के साथ।
धन्यवाद!!

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