प्रेरक कहानियां: जो पास हैं उसमें ही अपने आप को कैसे खुश रखे

अपने आप को कैसे खुश रखे: प्रेरक कहानीं

इंसान के पास जितना भी धन होता है उसमे खुश नही रहता बल्कि और अधिक धन पाने की चाहत रखता है। जिसके कारण इंसान हमेशा परेशान रहता है कभी अपने आप को खुश नही रख पाता यह रोचक छोटी प्रेरक कहानी आपको यही बात सीखाएगी कि कैसे इंसान खुद को खुश नही रख पाता।


प्रेरक कहानियां: जो पास हैं उसमें ही अपने आप को कैसे खुश रखे

यह कहानी है एक राजा और भिखारी की:-


जो पास है उससे खुश नही है जो नही है उसके लिए परेशान हैं


 एक बार की बात है कि एक राजा जिसका बहुत नाम था। दूसरे राज्य के राजा भी उससे सीख लेते थे। सब राजा की बहुत तारीफ करते थे। एक दिन राजा ने सोचा कि उसकी प्रजा मे सभी लोग खुश हैं कोई दुखी तो नही है ये देखने के लिए वह अपने सेनापति के साथ चल दिये। 

रास्ते मे अलग अलग सोच वाले व्यक्ति मिले कोई राजा की बहुत तारीफ करता तो कोई राजा को कुछ सुझाव देता लेकिन सब खुश थे। राजा को जो भी व्यक्ति मिल रहे थे उनको कुछ न कुछ तोहफे दे रहा था किसी को अशरफी किसी को सोने के सिक्के। इतने में राजा की नजर एक भिखारी पर पडी जो बहुत दुखी नजर आ रहा था। राजा ने सोचा कि इस भिकारी को कुछ दे दिया जाये ताकि ये खुश रहे। 

राजा ने अपने सेनापति से कहा कि भिखारी को लेकर आओ। सेनापति भिखारी को राजा के पास लेकर आया। राजा ने भिखारी को एक सोने का सिक्का दे दिया। भिखारी बेहद खुश हुआ। वह फिर से वहीं जाकर बैठ गया। और खुशी होने के कारण सिक्के को जोर जोर से ऊपर उछालने लगा  एक बार सिक्का उछलकर नाली में गिर गया। भिखारी सिक्के को नाली मे ढूंढने लग लगा। राजा ने भिखारी को देखा कि उसका सिक्का नाली मे खो गया है। 

भिखारी फिर से दुखी हो गया राजा ने सेनापति से भिखारी को लाने को कहा और उसे एक सिक्का और दे दिया अब की बार भिखारी ने सिक्का अपनी कुर्ता की जेब मे रख लिया और फिर से पहले वाले सिक्के को खोजने लग गया जो नाली मे गुम हो गया था।राजा ने सोचा कि भिखारी को एक सिक्का और देना चाहिए हो सकता है कि एक सिक्का कम हो। 

राजा ने भिखारी को फिर से बुलाया और एक और सिक्का दे दिया अब उसके पास दो सिक्के थे। भिखारी ने फिर से सिक्का अपनी जेब मे रखा और फिर से वही जाकर नाली में गुम हुये सिक्के को खोजने लग गया। राजा ने फिर भिखारी को देखा और बडा अजीब लगा कि जो व्यक्ति एक सिक्का मिलने पर बहुत खुश था। वो दो सिक्के पाकर भी पहले वाले सिक्के के लिए परेशान हैं। राजा ने भिखारी को अपने पास बुलाया और पूछा कि अब तो आपके पास दो सिक्के हैं फिर भी आप जो सिक्का गुम हो गया उसके लिए परेशान हो। 

क्या चाहिए आपको कितने सिक्के चाहिए। भिखारी बोला कि मुझे तो पहले वाला सिक्का ही चाहिए जो गुम हो गया है।

हममें से बहुत से लोग ऐसे ही है जो उससे खुश नहीं है जो हमारे पास है लेकिन उस के लिए परेशान है जो जा चुका है। जिसे पाया नही जा सकता या जो नहीं है। और ज्यादा कि चाह मे हम उसे भी अच्छे से इस्तेमाल नही कर पाते जो हमारे पास पहले सेे है।
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