अधूरे मन से काम करने का परिणाम: पछतावा मोरल कहानी
पछतावा हिंदी कहानी:
किसी भी काम को अधूरे मन से मत करो जो भी करना हो उसे अपने पूरे मन से करें तभी उसमें सफलता प्राप्त होती हैं। अधूरे मन से किया कार्य कभी अच्छा नहीं होता। इस कहानीं से जानिए लापरवाही और अधूरे मन से काम करने का नतीजा।
यह कहानी हैं एक अच्छे कारीगर की |
जो भी करना है हमेशा अपना समझ कर करो
एक बार एक मकान बनाने का कारीगर किसी बडें ठेकेदार के यहां काम करता था। वह बहुत अच्छा कारीगर था। बहुत अच्छे अच्छे बंगले बनाता था। कारीगर अच्छा था इसलिए ठेकेदार उसे बाकी कारीगरो से ज्यादा पैसे देता था। कारीगर भी बहुत खुश रहता था। कारीगर को काफी समय हो गया अपने ठेकेदार के यहां काम करते हुए। उम्र भी ज्यादा हो चुकी थी। अब कारीगर ने अपनी बाकी जिन्दगी को अपने परिवार के साथ गुजारने का फैसला किया। और अपने ठेकेदार से बोला कि मै अब और काम नही करना चाहता मुझे अब अपनी बाकी जिन्दगी को अपने बच्चों के साथ जीना है।
ठेकेदार ने कहा आप और काम नहीं करना चाहते ठीक हैं। लेकिन मेरा एक आखिरी काम हैं इसे कर देना और फिर आपका जो मन हो करना। बस मुझे एक और बंगला बनवाना हैं उसे बना दो और फिर आप अपने परिवार के साथ रहना। कारीगर ने काफी दिन काम किया था उसने सोचा चलो इतना किया है तो एक और बंगला सही। अगले दिन से ही बंगला बनाने का कार्य शुरू कर दिया। बंगला बनाने का कार्य तो शुरू कर दिया लेकिन कारीगर के मन मे एक ही बात चल रही थी कि आखिरी काम ही तो हैं बस इसे ही पूरा करना है। वो काम तो करता रहा लेकिन उसका मन काम मे नहीं था।
उसका लक्ष्य बस काम पूरा करने का रह गया। उसने कुछ भी काम ठीक से नही किया। अपने पूरे दिमाग से काम नही किया। और आखिर वो दिन भी आ गया जब बंगला बनकर तैयार हो गया। कारीगर ने ठेकेदार से कहा आपका बंगला बनकर पूरा हो गया। अब मै जाना चाहता हूँ। ठेकेदार ने कारीगर का पूरा हिसाब कर दिया और कहा आपने मेरे लिए बहुत काम किया है। मैं आपसे बहुत खुश हूं। मै आपके लिए कुछ देना चाहता हूँ। ठेकेदार अन्दर गया और जो आखिरी बंगला बनवाया था उसकी चाबी लाकर कारीगर को दे दी और कहा ये मेरी तरफ से आपके लिए तोहफा है।
यह देखकर कारीगर को बहुत पछतावा होता हैं कि मैने इतने अच्छे बंगला बनाये मैने जो भी काम किया हमेशा अपना समझकर किया और जो अपने लिए बनाया उसे अपना समझकर नही बनाया। ठीक से नही बनाया।
हम कुछ भी काम करते है तो उसे पूरा मन लगाकर करना चाहिए। कही भी काम करते हो किसी कंपनी मे किसी दुकान पर या अपना काम हो उसमे आप अपना 100% देगें तो उसमे तरक्की जरूर होगी।
काम बडा ही क्यों न हो अगर मन से नही किया तो नुकसान ही होगा। और भले काम छोटा हो उसे अपना समझकर किया तो कामयाबी जरूर मिलेगी।
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धन्यवाद!!
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